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आरोग्यम् में पंचकर्म- चिकित्सा प्रारंभ
आरोग्यम् में सतत अनुसंधानिक अध्ययन के साथ उपचार सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। 2006 वर्ष में पंचकर्म उपचार प्रारंभ किया गया। छ.ग. प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री के.एम. सेठ (सेवानिवृत्त ले. जन.) ने छ.ग. रेड क्रास सोसायटी की कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीमती वाीणा सेठ की अध्यक्षता में पंचकर्म उपचार का समारोह पूर्वक उद्घाटन 24 मार्च 2006 को किया।
प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेद का ही एक अंग है वैसे ही पंचकर्म भी आयुर्वेद का एक अंग है।
हमारी खान-पान और व्यवहार की गलत आदतों से शरीर में जमा हुए अपशिष्ट पदार्थ (टाॅक्सीक मटेरियल) जो कि रोग का मूलभूत कारण है उसे प्राकृतिक चिकित्सा अपशिष्ट पदार्थ (टाॅक्सीक मटेरियल) को बाहर निकालकर शरीर को शुद्ध करता है। इसी तरह पंचकर्म चिकितसा भी शरीर में जमा हुए अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालकर शरी को शुद्ध करता है। याने की ‘‘पंचकर्म शरीर शोधन चिकित्सा है।’’
पंचकर्म पाँच क्रियाओ का समूह है 1. वमन, 2. विरेचन, 3. नस्य, 4. निरूह बस्ती, 5. आस्थापन बस्ती
यह पाँच क्रियाये तीन हिस्सों में करवाई जाती है।
1. पूर्वकर्म (प्रथम कर्म), 2. प्रधान कर्म (मुख्य कर्म), 3. पश्चात् कर्म (अंतिम कर्म) यह प्रक्रिया करने से शरी की शुद्धि होती है और शरीर पुनः स्वस्थता को प्राप्त करता है।
नीचे दिये गये सभी रोगों में चिकित्सा उपलब्ध है
:: मेदस्विता (मोटापा) डायबिटिस, डिप्रेशन, मानसिक तनाव, हृदय से संबंधित बीमारियों, अस्थमा, ब्रोन्काईटिस, एलर्जी, गठिया वात, घुटनों का दर्द, गाउट (वात रक्त) स्पाॅन्डीलाॅयटिस, कमर दर्द साइटिका, चर्मरोग।
:: एसीडिटी, बदहजमी, पेप्टीक, उल्सर, अल्सरेटिव कोलाईटिस
:: स्त्री के मासिक धर्म से संबंधित समस्या, किडनी से सम्बन्धित बीमारियाँ, सिरदद्र (माइग्रेन), अनिद्रा।
:: ज्ञान तंतु से संबंधित बीमारियों जैसे - पार्कीसन, पैरालिसिस, अल्जायमर्स और चलने फिरने की बीमारियाँ।
अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट विजिट करे www.aarogyamnagpura.com
परम उपकारी कविकुलकिरीट महाबसंत सूरिदेव दिव्य आषीषदाता प.पू. श्रीमद् विजय लब्धिसूरीश्वरजी म.सा.
तीर्थ प्रभावक आषीषदाता आचार्य भगवंत प.पू. श्रीमद् विजय विक्रमसूरीश्वरजी म.सा.
तीर्थ पति संबंधित दस्तावेजों के साक्षात्कार प.पू.पं. श्रीमद् अभयसागरजी म.सा.
तीर्थोद्धार मार्गदर्षक प्रतिष्ठाचार्य प.पू. आचार्य भगवंत, प्रज्ञापुरुष श्रीमद् राजयशसूरीश्वरजी म.सा.
तीर्थोद्धार मुहूर्त प्रदाता पूज्य पाद आचार्य भगवंत श्रीमद् विजयरामचंद्र सूरीश्वरजी म.सा.
तीर्थ के रचनाकार साधुता के स्वामी प.पू. श्रीमद् कैलाससागर सूरीश्वरजी म.सा.